केटेगरी : लघु कथा
वो मंज़र- Story by Archana Saxena
आज फिर वही समां वही मंजर था। प्रायः सभीको सुहानी लगने वाली बारिश रीति को अब डरावनी लगती थी। एक समय था जब बारिश का मौसम उसका मनपसंद मौसम हुआ करता था। बचपन से पानी में कागज की नाव तैराती आई रीति किशोरावस्था में आते आते बारिश के मौसम...
उधार झुमका
उधार झुमका..भागदौड़ भरी लाइफ मैं कभी अपना बर्थडे सेलिब्रेट नहीं किया करती थी बस यूं ही चलता था........... 1 दिन बस यूं ही अचानक अपनी जिंदगी के बारे में सोचते रहे कि इस घर में कितनी बड़ी रौनक हुआ करती थी आज मैं...
गलती करना मनुष्य का स्वभाव है
गलती करना मनुष्य का स्वभाव है विमला की नई-नई शादी हुई थी उसको घर की रीति रिवाज के बारे में कुछ भी नहीं पता था। विमला मायके में खुले पंछी की तरह रहती थी।जब जो चाहिए वह मिल जाता था ससुराल बिल्कुल...
पेंशन ...लज्जा आवरण
अंकल कहां चले ?धूप तेज हो रही है ।कहां गई आपकी स्कूटी?मोतिया बिंदु के चलते, चलाते थोड़ी दिक्कत हो रही है बेटा! अगले महीने ऑपरेशन है ।मैं एटीएम तक जा रहा था ।आइए मैं आपको छोड़ देता हूं।पेंशन के पैसे निकालने...
रोशनी: Story By Saroj Prajapati
उन दिनों स्कूलों में एडमिशन का दौर चल रहा शुरू था।सुबह-सुबह जब मैं स्कूल पहुंची तो देखा एक महिला एक छह- सात साल की लड़की का दाखिला कराने के लिए पहले से खड़ी थी। मैंने उसे बैठने का इशारा करते हुए पूछा " कितने साल की है, यह!""सात...
वो क्या
रमा और रमेश की शादी हुए एक साल से अधिक हो गया था पर रमेश को लगने लगा था वो उसे ठीक से अभी भी नहीं जानता! इधर...
बहू हमेशा गलत क्यों होती है: Blog Post By Vidhi Jain
कमरे में जाकर मोहनी के आंसू रूक नहीं रहे थेउसी समय नितिन कमरे में आकर मोहनी को चिल्लानाशुरू कर दिया। नितिन...
तेरा मेरा साथ रहें: Blog post By Ruchika Khatri
"उनकी कमी कोई पूरी नहीं कर सकता।" बस यही तो थे ताई जी के आखिरी शब्द उसके बाद तो वह मौन हो गई थी। ना कुछ कहती...
समाधान: Story by Archana Saxena
कल्पना जब ऑफिस से आई तो हर रोज की तरह बच्चों को मोबाइल फोन में गेम खेलते हुए ही पाया। पहले इस छोटी उम्र में फोन...
स्त्री जीत कर भी क्यों हार जाती..-महिला दिवस विशेष
छनाक की आवाज सुन कर रमा जी भागी -भागी बाहर के कमरे में आई, सामने बहू पाखी का लैपटॉप टूटा पड़ा था, कोने में थरथर...