आस्था,उल्लास और उमंग का संगम है सूरत

 आस्था,उल्लास और उमंग का संगम है सूरत
सुरती लोग बहुत जोशिले और उत्साह से भरपूर होते हैं।ये हर दिन को एक उत्सव की भाँति जीते हैं।इनके चेहरे पे सदा एक प्यारी सी मुस्कान खिली रहती है,जो हर किसी को इनका कायल बना देती है।
यूँ तो ये हर त्योहार बड़े उत्साह से मनाते हैं पर गणेश उत्सव,शारदीय नवरात्र और मकर संक्रांति की धूम कुछ अलग ही होती है।
गणेश उत्सव का त्योहार पूरे 10 दिन तक चलता है।हर सोसाइटी,हर चौराहे पर गणपति जी के भव्य पंडाल देखने को मिल जाएंगे।सुबह शाम पूरे विधि विधान से ढोल नगाड़ों के साथ गणेश जी की आरती होती है,फिर प्रसाद का वितरण किया जाता है।जिस दिन गणेश जी की प्रतिमा का विर्सजन किया जाता है,उस दिन सड़कों पर पैर रखने की जगह नहीं होती।गाजे बाजे के साथ लोग गणेश जी की प्रतिमाओं को विसर्जन के लिए ले जाते हैं।
गणेश उत्सव के बाद शारदीय नवरात्रे आते हैं।पूरे 9 दिन तक नवरात्र का उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है।हर सोसाइटी में पहले दिन घट या कलश स्थापना की जाती है।कलश को भगवान गणपति का प्रतिरूप माना जाता है,इसलिए सबसे पहले कलश का पूजन किया जाता है।इसे घट स्थापना भी कहा जाता है।घट स्थापना के साथ ही गरबा की धूमधाम शुरू हो जाती है।गरबा गुजरात का पारम्परिक नृत्य है।बच्चे से लेकर बुजुर्ग सभी गरबा करते हैं। 
नवरात्रि के पश्चात मकर संक्रांति का त्योहार सूरत में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।इस दिन परिवार के सदस्य और दोस्त घर की छतों पर इकट्ठे होते हैं और वार्षिक पतंग महोत्सव की शुरुआत करते हैं।हर छत पर गानों की आवाज और पतंग काटने का कॉम्पिटीशन,त्योहार का मजा दुगुना कर देता है।लंच में उंधियू और फूली हुई छोटी-छोटी पूरी छत पर ही सबको सर्व की जाती है।सूरज डूबने के साथ ही पतंग कॉम्पिटीशन खत्म होता है।ये माहौल बड़ा ही रोमांचक लगता है।
जिंदगी में कभी अवसर मिले तो एक बार सूरत जरूर आएं,वो भी इन त्योहारों के दिनों में।आप भी इन त्योहारों की भव्यता देखकर दंग रह जाएंगे।
#मेरेशहरकीपहचान
कमलेश आहूजा

What's Your Reaction?

like
1
dislike
0
love
1
funny
0
angry
0
sad
0
wow
1