आप जानते हैं सबसे महंगी चाय कौन सी है और कहां मिलती है ?

दुनिया भर में लोग चाय के दीवाने है, खासकर जब बात भारत की हो तो क्या कहे. यहां की चाय किसी अमृत से कम नहीं है, देश के हर गली-नुक्कड़ पर आपको चाय की दुकानें मिल जाएंगी.चाहे रात को कॉलेज कैम्पस के बाहर चाय की टपरी हो या लॉन्ग ड्राइव पर चाय का अंदाज ही अलग है.लेकिन जो चाय आप पीते है क्या आप जानते है वो किस कीमत की आती है और कुछ चायपत्ती ऐसी भी है जो बहुत महंगी आती है.
आमतौर पर एक कप चाय की कीमत 5 रुपये से 10 रुपये के बीच होती है,अगर आप किसी फाइव स्टार होटल में चाय पीते हैं तो यहां आप रेट में अंतर देख सकते है.चाय बनाने में इस्तेमाल होने वाली चीजों में मुख्य रूप से चाय की पत्तियों का इस्तेमाल किया जाता है,चाय की पत्ती की कीमत की बात करें तो 1 किलो की कीमत 1 हजार रुपये के करीब है.हालांकि, यह कंपनी-कंपनी पर निर्भर करता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया की सबसे महंगी चाय की पत्ती कौन सी है नहीं जानते चलिए आज हम आपको इसके बारे में बताते हैं.
दरअसल दुनिया की सबसे मंहगी चाय की पत्ती असम के एक चाय बागान की है,जिसके एक किलो गोल्डन टिप पत्तियों को 99,999 रुपये की रिकॉर्ड कीमत पर नीलाम किया गया था ।
एस्टेट के अनुसार, ”यह भारत में कहीं भी, किसी भी वर्ष, किसी भी नीलामी में, किसी भी चाय द्वारा प्राप्त की गई सबसे अधिक कीमत है ।
देश क्या विदेशों में भी चाय की कीमत करोड़ों में होती है. चीन में मिलने वाली"डा-होंग पाओ" टी की इस चाय पत्ती का नाम दुनिया में मिलने वाली सबसे महंगी चाय की पत्तियों में शामिल है. इसकी कीमत 9 करोड़ रुपए प्रति किलोग्राम है।
डा-होंग पाओ की खेती चीन के फुजियान के वूईसन इलाके में की जाती है, इस चाय पत्ती के कई सारे लाभकारी गुण हैं।
स्वास्थ्य के लिए ये चायपत्ती काफी लाभदायक होती है यही एक बड़ी वजह है, जिसके चलते इसको जीवनदायिनी भी कहा जाता है।
डा-होंग पाओ टी की पत्तियों के इतिहास आपको बताये, तो इसकी खेती की शुरुआत चीन के मींग शासन के समय में शुरू हुई थी, चीनी लोगों का कहना है कि उस दौरान मींग शासन की महारानी अचानक बीमार हो गई थी. उनकी तबीयत काफी बिगड़ गई थी और महारानी के बचने की संभावना काफी कम थी उन पर किसी भी दवा का असर नहीं हो रहा था,इसके बाद उन्हें डा-होंग पाओ चाय पीने के लिए कहा गया उन्होंने इसे पीया और पीने के कुछ ही दिनों के बाद वह ठीक हो गई. महारानी के ठीक होने के बाद राजा काफी खुश हुए और उन्होंने आदेश दिया कि इस खास तरह की चाय की पत्तियों की खेती की जाए।
राजा के लंबे चोंगे के नाम पर ही इस चायपत्ती का नाम डा-होंग पाओ पड़ा,इसे खरीदने के लिए लोग लाखों की कीमत चुकाते है।
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