एक इश्क़ ऐसा भी

रमन ये क्या बचपना है और ये कैसी ज़िद है ? तुम मुझे
और ख़ुशी को इस हालत में अकेले छोड़ कर ख़ुद सैर सपाटे पर जाना चाहते हो। रमन ये मेरा सातवां महीना चल रहा है।बढते समय के साथ आने वाला हर पल मेरे लिए कठिन होता जा रहा है। कहते हुए अदिति की आंखों से आंसू बहने लगे।
अदिति मैंने कहा ना मैं बस दो दिनों के लिए जा रहा हूं और तीसरे दिन में मैं वापस आ जाऊंगा। वैसे भी तुम्हारा और ख़ुशी का ध्यान रखने के लिए मैंने एक मेड रख दी है जो 24 घंटे तुम दोनों का देखभाल करेगी।बस तुम परेशान होकर अपना बीपी हाई मत कर लेना।
रमन और अदिति की शादी को पांच साल हो गए थे।दोनों का आदर्श विवाह हुआ था। दोनों की शादी माता-पिता की मर्जी से हुई थी। शादी के बाद रमन और अदिति को एक दूसरे से गहरा प्यार हो गया था। रमन अदिति का पूरा ख्याल रखता और अदिति रमन का। अदिति रमन से अपने प्यार का इज़हार करने का कोई मौका नहीं चूकती जबकि अंतर्मुखी स्वभाव का रमन कभी भी अपने प्यार का इज़हार खुल कर नहीं कर पाता था और अदिति को इसी बात का मलाल रहता ।
अदिति स्वाभाव से चंचल और हर छोटी- बड़ी बातों में ख़ुश रहने वाली लडकी थी। भगवान में उसकी बहुत गहरी आस्था थी,वो हर चीज त्योहार को दिल से मनाती थी,उसके विपरित रमन को पूजा पाठ में कोई रूचि नहीं थी।
अदिति कभी मंदिर जाने के लिए रमन से कहती तो साफ़ इंकार कर देता। रमन की यही आदत अदिति को बिल्कुल अच्छी नहीं लगती और वो रमन से हमेशा कहती , "देखिएगा रमन आपकी जिंदगी में एक समय ऐसा भी जरूर आएगा जब आप स्वयं भगवान में आस्था रखने लगेंगे"।
अदिति तुम्हारी ये इच्छा कभी पूरी नहीं होगी कहते हुए रमन हंसने लगता। शादी के दो साल बाद जब अदिति मां बनने वाली थी तो उसने मन्नत मांगी थी कि बच्चे के जन्म अच्छे से हो जाने के बाद वो अपने कुल देवी की पूजा करने जाएगी। मगर रमन की भगवान में आस्था ना होने के कारण अदिति कुल देवी की पूजा नहीं कर पाई थी।
ख़ुशी के जन्म के दो साल बाद जब अदिति दोबारा मां बनने वाली थी तब उसकी तबियत हमेशा ख़राब रहती। अदिति को हर दिन नई नई समस्या का सामना करना पड़ रहा था। अदिति का बीपी हर समय बढ़ा रहता और उसे थायराइड और सुगर की बीमारी भी हो गई थी।
पेट में पल रहे बच्चे का ग्रोथ भी धीरे-धीरे हो रहा था। डॉक्टर ने अदिति को पूरे नौ महीने तक आराम से रहने की सलाह दी थी और साथ में ये भी कहा कि इस बार बच्चे का जन्म ऑपरेशन द्वारा ही हो सकता है।अदिति ये सब सुनकर हमेशा रोती रहती और रमन से कहती ख़ुशी के जन्म के बाद मैंने कुल देवी के दर्शन नहीं किए इसलिए मेरे साथ ये सब हो रहा है।
रमन उसे लाख समझाता पर अदिति नहीं समझती , वो अपने आने वाले बच्चे के लिए आंसू बहाती रहती। अदिति को यूं रोता देख रमन को भी अदिति और होने वाले बच्चे की चिंता सताने लगी थी।
जिस भगवान में रमन को आस्था नहीं थी ,आज उसी भगवान को वो मन में बार-बार याद कर रहा था। आज अदिति की चिंता और अदिति के प्रति सच्चे प्यार ने रमन के दिल में भगवान के प्रति श्रद्धा को जगा दिया था।उसे लग रहा था कहीं उसकी गलती की सजा उसकी पत्नी और बच्चे को ना मिलें। यही सोचकर रमन अदिति को बिना बताए कुल देवी के दर्शन करने जा रहा था । वहां जाकर वो अदिति और अपने आने वाले बच्चे की सलामती के लिए मन्नत मांगने वाला था।
रमन का अपनी पत्नी और बच्चे के प्रति ये सच्चा प्यार था , सच्चा इश्क़ था जिसने उसे नास्तिक से आस्तिक बना दिया था।
#इश़्क
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