इंग्लिश विंग्लिश और भारतीय सोच

इंग्लिश विंग्लिश और भारतीय सोच

English Vinglish जी ‌हां ,आज जिस फिल्म के बारे में आपसे बात करूंगी वो २०१२ में रिलीज हुई गौरी शिंदे के निर्देशन में बनी श्रीदेवी की एक यादगार फिल्म।

आजाद होने के बावजूद गुलामी के कुछ अंश अभी भी हमारे खून में मौजूद है। फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाले को या किसी गोरी चमड़ी वाले को देखते ही हम हीन भावना से ग्रस्त होकर अपने आपको कम समझने लगते हैं। भारत में तो इस समय यह आलम है कि विद्वान उसे ही माना जाता है जिसे अंग्रेजी आती है। करोड़ों भारतीय ऐसे हैं जिन्हें यह भाषा बिलकुल पल्ले नहीं पड़ती हैं और बेचारे रोजाना इस हीन भावना से ग्रस्त रहते हैं।

ये फिल्म श्रीदेवी ( शशि) की कहानी है जिसे अंग्रेजी का ज्ञान ना होने के कारण ना सिर्फ अपमानित होना पड़ता है बल्कि उसके परिवार के सदस्य उसे सम्मान नहीं देते । हर काम में निपुण शशि को हर बार इसी एक कमी के कारण जिल्लत सहनी पड़ती है।             इस फिल्म के माध्यम से बड़ी सूक्ष्मता से दिखाया गया है कि अंग्रजी ना जानने वाले शक्श को बैंक,बड़े बड़े होटल,एयरपोर्ट आदि जगह पर बहुत घबराहट होती है। या वो अपनेआप को ऐसे माहौल से काट लेता है।                                                             शशि अपनी बहन की बेटी की शादी के लिए न्यूयॉर्क जाती है और वहां अंग्रेजी सीखने का फैसला करती है। क्लास में उसका परिचय ऐसे कई लोगों से होता है जो अंग्रेजी नहीं जानते हैं। लेकिन इसको लेकर न उनमें शर्मिंदगी है और न ही उनका मजाक बनाया जाता है। भारत, स्पेन, चीन, फ्रांस से ये लोग आए हैं और अमेरिका में रहने के लिए अंग्रेजी सीखते हैं।                                  यही उसके जीवन में बदलाव आता है ,वो न सिर्फ धीरे धीरे अंग्रेज़ी सीखती है बल्कि उसमें आत्मविश्वास जगता है ।वो यह साबित करती है कि स्त्री अगर चाहे तो कुछ भी कर सकती है और सीख सकती है । स्त्री का सम्मान और अपमान कोई भाषा ना आने पे निर्भर नहीं होता ।प्रेम और विश्वास अगर हो तो स्त्री हर क्षेत्र में सक्षम होती 

मुझे ऐसा लगता है कि ये फिल्म समाज को ये संदेश जरूर देती है कि शिक्षा अर्जित करने की कोई उम्र नहीं होती और भाषा का ज्ञान होना अच्छी बात है पर इसका मतलब ये बिलकुल नहीं है कि अंग्रेजी ना आने से वो इंसान इज्जत या सम्मान के लायक नहीं । हमारे संसार अनगिनत भाषाएं है पर मातृभाषा से प्रेम करना या वही भाषा आना शर्म की बात नहीं। इस फिल्म के गीत औसतन थे ।पर पठकथा काफी अच्छी लगी थी मुझे । मुझे मेरी हिंदी भाषा पे और अपने भारत पे अपने गर्व है। 

धन्यवाद

#बॉलीवुड तड़का

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