इश्क और मुश्क छिपाए नहीं छिपते

इश्क़ और मुश्क छुपाए नहीं छुपते ये मुहावरा पढ़ते ही जेहन में कई प्रेम कहानियां कोंध जाती है युग बीत जाते है पर इनकी महक वैसे ही ताज़ा रहती है कभी भी पन्ने पलट कर पढ़ लो हर दफा दिल की धड़कनें तेज ही मिलती है वहीं हसीन एहसास रहते है
ऐसी ही एक कहानी है सोहनी और महिवाल की सोहनी गुजरात में रहने वाली एक कुम्भार की लड़की थी वहां चेनाब नदी बहती थी जो बसरा और दिल्ली के व्यापारी रास्ते के बीच आती थी जहां मुसाफिरों का कारवां रुकता था सोहनी मिट्टी के घड़ो में सुंदर कलाकृति बनाया करती थी उज़्बेकिस्तान का अमीर व्यापारी शहजाद इज्जत बैग व्यापार के लिए पंजाब आया और गुजरात में रुका था वहां पर उसने सोहनी को एक दुकान में देखा और मंत्र मुग्ध हो गया उसके बाद वो सोहनी की सिर्फ एक झलक पाने के लिए रोज उसके सजाए हुए घड़ों को खरीदने लगा सोहनी का दिल भी उसपर आ गया वह सोहनी के घर में ही नौकर बनकर वहीं रुक गया वह सोहनी के पिता तुल्ला की भैंस चराने के जाता वही उसका नाम महिवाल पड़ा रोज मुलाकाते होती कहते है ना इश्क और मुश्क छुपाए नहीं छुप ता इनके प्यार ने कुम्भार समाज में खलबली मचा दी सोहनी की शादी किसी दूसरे कुम्भार के साथ इज्जत बैग भी फकीर बन गया वह सोहनी के गांव में ही चेनाब नदी के पास झोपड़ी बना कर रहने दोनों एक दूसरे की एक झलक पाने के लिए नदी के किनारे मिलने लगे सोहनी तैरने वाला घड़ा लेकर तैरती जब उसकी भाभी ने उसका एक बार पीछा किया तो सब जानकर दूसरे दिन उसने घड़ा बदल दिया डूबने वाला घड़ा रख दिया जिसे सोहनी नदी में डूबने लगी सोहनी को डूबता देख कर महिवाल भी उसे बचाते हुए डूब गया ये तो हुई पहले की सुनी और पढ़ी कहानियां पर आज भी वही प्यार और समर्पण देखने को मिल जाता है भले ही नए नए माध्यम आ गए हो लोगो को अपनी दिल की बात कहने के पर भावनाए और एहसास तो वहीं है हर गली हर मोड़ पर अलग अलग नाम का मुखौटा पहले हुए ये प्रेम गाथाएं अपनी महक फैलाती रहती है अगर इनको अपना मुकाम मिल गया तो ठीक वरना किसी और का हमसफ़र बनने पर भी सच्चे प्यार करने वाले एक दूसरे से भावनात्मक रूप से एक दूसरे से जुड़े रहते है शरीर के हावभाव और मन की तरंगों की तीव्रता को दबाया नहीं जा सकता किसी ना किसी रूप में उजागर होगी जाती है इश्क़ वहीं जिसकी खुशबू से सारा आलम महक जाए किसी से किसी को कष्ट न पहुंचे दूर हो या पास हो हमेशा इस एहसास के साथ आनंदित होते रहे । हर किसी प्यार को किनारा नहीं मिलता कुछ अधूरे भी रह जाती है कुछ अमर हो कर इतिहास बनाती है सच्चे प्यार के लिए तो बस इश्क़ की अनुभूति ही बहुत होती है ज़िन्दगी महकाने को।
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