रावण- विभीषण से आधुनिक दुनिया की महत्वपूर्ण 5 सीख

१- विभीषण को पहचाने : अंग्रेजो ने यह कहावत शायद रामायण से ही निकाली होगी | हमेशा अपनी नाव, परिवार और व्यवसाय में विभीषण को पहचाने, विभीषण के अपने कुछ निशाँ होते हैं जो आपको व्यक्ति विशेष के चरित्र में नजर आएंगे ही आएंगे | उस व्यक्ति पर निगाह रखे | ऐसा व्यक्ति, अपने स्वार्थ के लिए आपको हमेशा धोखा देगा | ध्यान रखिये , Little leak, sinks the ship.
२- किसी को विभीषण बनने ही न दे : इलाज से सावधानी भली , ये बात कोरोना और विभीषण , दोनों में नज़र आती है | विभीषण तभी बना जा सकता है जब , कोई व्यक्ति विशेष आपके मत्वपूर्ण राज जनता है| यदि आप अपने राज छुपा सकते हैं तो आपको विभीषण से कोई खतरा नहीं हैं | अपने राज छुपाइये , हर कीमत पर |
३- मौके पर चौका : ये आधुनिक भारत की सबसे उपयुक्त लाइन , विभीषण ने बहुत पहले जान ली , इसलिए धर्म के नाम पर , कुल के खून से सने सिंहासन को अपना लिया | हमेशा अवसरों की फिराक में रहिये , पूरी तैयारी के साथ | यदि आप अवसरों को पहचान सकते हैं तो उन्नति आपसे दूर कभी नहीं जा सकती है |
४- सहयोगियों या साथी को पहचाने और अपनाये : विभीषण कभी भी रावण जैसे महारथी राजा को हरा नहीं पाता , इसलिए उसने श्रीराम में एक सहयोगी/साथी दिखा , अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए | एक रास्ता अपनी मंजिल तक पहुंचने का | आप भी हमेशा उन सहयोगियों व् साथियो को ढूंढिए जो आपको आपके लक्ष्य तक ले जाने में मदद कर सकते हैं |
५- सिंहासन पर ध्यान रखिये: लक्ष्य प्राप्ति के आगे मन की भावनाये, कुछ भी नहीं है , इस पंक्ति को दुबारा पढ़िए | उन सभी भावनाओ को अंकुश मैं रखिये , जो आपके लक्ष्य से अलग हैं | यदि आप किसी बड़े कॉलेज में दाखिला चाहते तो , मस्ती , सैर सपाटा , गर्ल फ्रेंड , बॉय फ्रेंड भूल जाइये, बिल्कुल | आप भी अपने लक्ष्य पर ध्यान रखिये , उसके राह में आने वाली हर मुश्किल से आपको टकराना हैं और उन मुश्किलों को लाने वाला विचार आपका विरोधी है | सिंहासन पर हमेशा ध्यान रखिये |
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