माँ काश तू होती साथ मेरे

"माँ! एक ममता की मूरत, प्यार का सागर हर मुश्किल का हल लेकर साथ रहती है माँ. मेरे दिल से मेरी माँ के लिए कुछ शब्द निकले है उन शब्दों को पिरो कर मैंने ये कविता लिखी है"...
"माँ काश तू होती साथ मेरे "
"निराशाओं के घिरे बवंडर में,
आशा की एक किरन की तरह,
माँ काश तू होती साथ मेरे,
ना कोई चिंता फिर सताती मुझे।।
स्कूल भी ले जाती साथ तुझे,
खाना भी तू खाती साथ मेरे,
किसी भी कठिन परीक्षा में,
उसके हर हल को साथ लिए ।
माँ काश तू होती साथ मेरे
ना कोई चिंता फिर सताती मुझे।।
जब भी मैं अकेली पड़ जाती,
तेरे आंचल में छुप जाती मैं,
गिरने पर देती प्यार मुझे,
तू हर पल रखती साथ मुझे।
माँ काश तू होती साथ मेरे,
ना कोई चिंता फिर सताती मुझे।।
रोज दुनिया के तानों की,
हर रोज कहानी सुनाती तुझे,
सिर पर प्यार से हाथ फेरकर,
हर बात पे फिर समझाती मुझे ।
माँ काश तू होती साथ मेरे
ना कोई चिंता फिर सताती मुझे"।।
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आपकी अपनी
प्रियंका दक्ष
#अनकहेभाव #अनछुएअहसास
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