मुझे बर्फ देखना है

"हनीमून पर कहाँ चलना है रितु?"
" क्या आप भी? जहाँ आप चाहे।" रितु शर्माते हुए बोली ।
"अरे !शादी हो चुकी है। अब क्या इतना शर्माना। खुलकर बोलो ।नहीं तो मैं अपनी पसंद से ले जाऊँगा । फिर बोलोगी कि बोर हो गई ।कहाँ ले आए ?"आलोक हँस पड़ा।
"मुझे बर्फ देखना है ।उजली सफ़ेद बर्फ।बर्फ से ढकी पहाड़ियाँ।"
" शिमला चले।"
"कहीं भी चलिए। बस मुझे बर्फ देखना है ।"रितु बोलते बोलते सपनों में खो गई। जहाँ वह जल्द ही बर्फ को छूने वाली थी। "पक्का ।मैं अभी टिकट निकाल देता हूँ। एक हफ्ते बाद ही दोनों मनाली के लिए निकल पड़े अपनी पहली यात्रा के लिए जो दोनों की साथ में थी।
" अरे !हम तो शिमला जा रहे थे ना ।पर यह तो मनाली के होटल की बुकिंग है ।"
"हम मनाली ही जा रहे। तुम्हारे लिए सरप्राइज था पर अब तुमने देख लिया ।खैर कोई बात नहीं ।बर्फ ज्यादा मिलेगी ना इसलिए ।"
"सच....।"
"मुच ...।"दोनों हँसने लगे ।कार अपनी स्पीड से चल रही थी। और दोनों एक दूसरे का हाथ थामे प्राकृतिक दृश्यों को निहार रहे थे ।रात में मनाली पहुँचे। थकान से जल्द ही दोनों खाना खाकर सो गए। रितु को तो सुबह बर्फ देखने की चाहत में नींद ही नहीं आ रही थी ।किसी तरह सुबह हुई और दोनों फिर निकल पड़े। कार की बुकिंग पहले ही हो चुकी थी ।दोनों जल्दी से कार में बैठे और बातें करते हुए चल पड़े। अचानक रितु चिल्ला पड़ी ,"वह देखिए बरफ....।"और बहुत खुश हो गई। ड्राइवर हँसने लगा। "दीदी !हम तो रोज देखते हैं ।"
"हाँ!भैया आपके लिए तो यह रोज की बात है ।पर हम जैसे मैदानी लोगों के लिए तो यह अजूबा ही है। हम तो सिर्फ टीवी पर ही देख पाते हैं। मजा आ गया ।"
"अभी जहाँ जा रहे वहाँ केवल बर्फ है दीदी।"
" सच ।"
"हाँ! दीदी आप बर्फ पर चलोगे, खेलोगे ।वहाँ लोग बहुत मस्ती करते हैं ।"
"क्या नाम है उस जगह का ?"
"रोहतांगपास"।
" वाऊ! बहुत मजा आएगा ।"आलोक दोनों की बातें सुन रहा था और रितु की खुशी देख खुश हो रहा था।
" उससे पहले रास्ते में और भी चीजें मिलेगी दीदी। बस आप देखते जाइए ।आँखें झपकाना भी भूल जाओगे कि कहीं कुछ छूट न जाए ।"रितु रोमांच और उत्साह से बाहर देखने लगी। ड्राइवर की बातों ने उसे और उत्सुक कर दिया था ।धीरे-धीरे सर्पीले सड़क, देवदार के वृक्ष ,एक तरफ खाई को दूसरी तरफ ऊँचे ऊँचे पहाड़ बर्फ से लदे हुए ।मानो किसी ने रुई बिछा दी हो। आँखों को सुकून दे रहे थे ।
"हम भी साथ हैं ।भूल गई क्या ?लो! चिप्स खाओ ।"रितु चौंक पड़ी।
" सॉरी!मैं वो।"
" कोई बात नहीं ।मुझे बहुत अच्छा लगा।"
" थैंक्स! आपने मुझे यहाँ लाकर बहुत बड़ी खुशी दी। मेरी तमन्ना पूरी हो गई ।मुझे हमारी यह पहली और रोमांचक यात्रा हमेशा याद रहेगी।अभी तो बस शुरुआत है धीरे-धीरे राज खुलेंगे।"रितु आने वाले दृश्यों और सफर के बारे में सोचते सोचते फिर से वादियों में खो गई।
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डाॅ मधु कश्यप
#पहलीरोमांचकयात्रा
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