नारी के कितने रूप

नारी के कितने रूप

#स्त्री तेरे रूप अनेक 

(ऐ नारी तेरे कितने रूप)

ऐ नारी तेरे कितने रूप,

तुमको न जान पाया कोई। 

विविध रूप मे जानी जाती,

ममता के रूप से पहचानी जाती,

तेरे रूपों की महिमा अपरम्पार,

तेरे गुण गाये सारा संसार 

ऐ नारी तेरे कितने रूप ...

एक रूप है माँ का तेरा,

जिसमे सारा संसार समाया, 

माँ के चरणों में है,दिखते

सारे तीर्थ धाम,

ऐ नारी तेरे कितने रूप …

एक रूप तेरा अर्धांगनी, 

सबका तुम  रखती ख्याल,

जीवन तुम बिन लगे सूना,

तुम बन जाती सबकी पतवार, 

ऐ नारी तेरे कितने रूप ……

एक रूप है बेटी का,

जिसमे सारा त्याग समाया

अपनी  खुशबु से जग महकाया,

बेटी से आँगन रोशन हो पाया ।

ऐ नारी तेरे कितने रूप …

हर रूप मे लगती प्यारी है,

जिस रूप मे तुम  हो आती,

अन्नपूर्णा होती  हो तुम, 

खुशियों का हो खजाना,

ऐ नारी तेरे कितने रूप …

त्याग की हो मूरत तुम ,

शक्ति का हो तेज पुंज तुम 

तुझमे कई रूप समाया,

हर रूप मे तुम हो धन्य, 

सारा जग है ऐ नारी तुझसे,

ऐ नारी तेरे कितने रूप …...

कोई न तुमको जान पाया। 

#दपिंककामरेड 

#contest

#उत्सव के रंग 

Nandini

स्वरचित …...✍

 

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