पहाड़ों की रानी - मसूरी

रोमांचक यात्रा पहाड़ों की रानी - मसूरी
शादी के बाद नव दंपत्ति का कुछ दिनों के लिए एक दूसरे के साथ अकेले समय बिताने के लिए यात्रा पर जाने को हनीमून कहा जाता है। इस दौरान नव दंपत्ति एक दूसरे को अच्छी तरह से जान और समझ पाते हैं। इस समय ही दोनों के बीच में प्रेम और आपसी सहयोग की भावना उत्पन्न होती है।
समुद्र तट से सात हजार फुट की ऊंचाई पर बसा, पतली घुमावदार सड़कें, हरे-भरे पेड़, दूर तक नजर आती ऊंची-नीची पहाड़ियां, एक ओर दूर नजर आते बर्फ से ढंके सफेद पहाड़, दूसरी ओर पहाड़ों की गोद में बने छोटे-छोटे घर।
जी हां मैं बात कर रही हूँ... पहाड़ों की रानी कही जाने वाली मसूरी की।
देहरादून से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित, मसूरी उन स्थानों में से एक है जहाॅं लोग बार-बार आते जाते हैं।
यहां आकर कोई भी रोमांचित हो सकता है। गर्मी के मौसम में दिन के समय हल्की गर्मी जरूर हो सकती है लेकिन यहां की मदमस्त कर देने वाली सुबह और शाम किसी को भी लुभा सकती है।
मसूरी शहर कई मामलों में निराला है। यहां किसी भी समय बारिश का मौसम बन जाता है।
हां जी उसी "पहाडो़ होगी रानी" पर हम अपना हनीमून मनाने गए थे ।
शादी से पहले मैं किसी हिल स्टेशन पर नहीं गई थी तो मैं वहां जाने के लिए बहुत ज्यादा एक्साइडिट हो रही थी ।
मेरी शादी 15 दिसंबर को हुई थी और हम 28दिसंबर को मसूरी के लिए निकले ।
अपनी ही गाड़ी से गए थे समय का कुछ पता ही नहीं चला कि कब हम मसूरी पहुंच गए रास्ते में खाते पीते हुए गए ।
यूं तो पूरे साल यहां का मौसम सुहाना रहता है लेकिन अप्रैल से जून और सितंबर से दिसंबर के बीच आने वालों को और भी अच्छा मौसम मिलता है।
सच बहुत आनंद आया वहां पहुंचकर । हमने ऊँची पहाड़ी पर कमरा लिया । कुछ देर आराम करके घूमने के लिए निकल गए ।सुबह को होटल से आमलेट खाकर निकलते और रात को होटल में जाकर ही आमलेट खाते।
यहां थी जो प्राकृतिक छटा है वह बहुत ही निराली है सबका मन मोह लेती है हम 6 दिन रहे पता ही नहीं चला कब यह दिन निकल गए।
यहां का मॉल रोड घूमने और खरीदारी करने के लिए अच्छी जगह है।मैने खूब शौपिंग की।
मॉल रोड से गन हिल पहाड़ी देखने गए । लगभग 20 मिनट में पहाड़ी की चोटी पर पहुंचा जा सकता है।
यहां से हिमालय पर्वत श्रृंखला के बंदेरपंच, श्रीकंठ, पीठवाड़ा व गंगोत्री के बेहतरीन नजारे देखे जा सकते हैं।
मसूरी से 15 किलो मीटर की दूरी पर यमुनोत्री रोड पर कैंप्टी फॉल्स स्थित है। ऊंची पहाड़ियों से घिरा एक झरना है। हम इस झरने को देखने के लिए गए।
पहाडों से झरना आ रहा है , जिसको एक बड़ी सी चील का रूप दे दिया है वहां मैंने खूब स्विमिंग करी। मुझे स्विमिंग अच्छे से आती थी । म्यूनिसिपल गार्डन भी देखने लायक है। यहां एक छोटी सी कृत्रिम झील का निर्माण कराया गया है। विभिन्न प्रकार के फूलों से सुसज्जित गार्डन लोगों के आकर्षण का केंद्र बना रहता है।
यहां के कंपनी बाग है। यहां बच्चों के मनोरंजन के बहुत से साधन हैं। कृत्रिम सांड की पीठ पर बैठकर बच्चे खूब खुश होते हैं।
मसूरी से छह किलो मीटर की दूरी पर स्थित नाग देवता का मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है। इस मंदिर में हमेशा पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है। यहां से दून वैली और मसूरी का नजारा देखना बेहद अच्छा लगता है। सुबह-शाम घूमने के लिए कैमल बैक रोड पसंदीदा स्थान है।
मसूरी आकर शाम के समय छिपता हुआ सूरज यानी 'सनसैट' देखना बहुत अच्छा लगता है ।
घूमने-फिरने के लिए जाने वाली प्रमुख जगहों में यह एक है।
ये थी मेरी पहली हनीमून रोमांचक यात्रा ।
सीमा गर्ग
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