प्रसव के बाद कुछ सावधानी

डिलीवरी चाहे नॉर्मल हो या सिजेरियन उसके बाद कुछ सावधानियां रखनी पड़ती है क्योंकि नॉर्मल डिलीवरी में योनि में टांके लगे होते हैं और सीजेरियन में पेट में टांके लगे होते हैं | टांके दोनों ही अवस्था में होते हैं उन पर पानी ना डालने की सलाह दी जाती है प्रसव के बाद महिला का बेहद ख्याल रखना पड़ता है आज हम जानेंगे कि प्रसव के बाद क्या सावधानियां रखनी चाहिए जिससे महिला को परेशानी ना हो ?
1, प्रसव के बाद शरीर को सबसे ज्यादा देखभाल की आवश्यकता होती है प्रसव के बाद मां का समय पर भोजन करना बेहद जरूरी होता है क्योंकि वह स्तनपान कराती है |
2, प्रसव के बाद मासिक धर्म के समान ही खून का रिसाव होता है जिस कारण से संक्रमण का खतरा भी हो सकता है संक्रमण को कम करने के लिए इस अवस्था में पैड का प्रयोग करना चाहिए टेम्पोन का नहीं |
3, प्रसव यदि नॉर्मल हो तो योनि क्षेत्र के आसपास कभी-कभी दर्द होता है तब इसकी सिकाई के लिए बर्फ की थैली का प्रयोग करें |
4, खुद की साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें | प्रसव के बाद योनि व मलाशय के बीच के क्षेत्र में घाव हो सकता है इसे साफ करने के लिए गर्म पानी का प्रयोग करें | गर्म पानी से किसी भी प्रकार के संक्रमण का खतरा नहीं होगा नहाने के लिए रोजाना कुछ देर तक गुनगुने पानी में बैठना चाहिए ताकि योनि के आसपास की पीड़ा कम हो सके |
5, प्रसव के बाद महिला को पर्याप्त आराम , अच्छी नींद की आवश्यकता होती है क्योंकि जब मां स्वस्थ होगी तो बच्चा भी स्वस्थ होगा | शिशु के सोने के बाद मां को भी नींद पूरी कर लेना चाहिए |
6, प्रसव के बाद नवजात शिशु की देखरेख व उसकी परवरिश के लिए कभी-कभी माओं को देर रात तक जागना पड़ता है तब कहीं ना कहीं उन्हें अंदर से थकान भी महसूस होती है इसके लिए खूब सारा तरल पदार्थ पिए यदि कब्ज की समस्या हो तो खूब सारा पानी पिए व फाइबर युक्त भोजन करें |
7, प्रसव के बाद महिला को व्यायाम करना भी जरूरी होता है ताकि मांसपेशियां मजबूत बनी रहे इसके लिए थोड़ा थोड़ा टहल भी सकती हैं |
8, प्रसव के बाद कभी-कभी माओं को स्तनपान कराने में पीड़ा होती है क्योंकि उनके आंचल में मिल्क की मात्रा बहुत ज्यादा हो जाती है इसके लिए ध्यान रहे कि नवजात शिशु को कुछ कुछ घंटों में स्तनपान कराएं जिससे कुछ हद तक स्तनों में दर्द से राहत मिल सकती है |
9, प्रसव के बाद माओं में बहुत से भावनात्मक परिवर्तन होते हैं हालांकि मायेें बहुत खुश होती हैं पर कभी कभी वे खुद को उदास , थकी थकी व निराश महसूस करती हैं जो कि सामान्य लक्षण है ऐसी स्थिति ना आये इसके लिए जीवनसाथी या परिवार के सदस्यों को कुछ मदद करना चाहिए यदि स्थिति गंभीर हो तो चिकित्सीय सलाह अवश्य लेना चाहिए |
10, प्रसव के बाद मसालेदार भोजन , तैलीय खाद्य पदार्थ , गैस बनाने वाले पदार्थ, एलर्जी वाले पदार्थ कैफीन व निकोटिन का सेवन नहीं करना चाहिए |
11, प्रसव के बाद महिलाएं कभी भी खुद से दवाऐं ना ले | गर्भवती महिलाएं प्रसव के बाद कुछ राहत महसूस करती हैं और उनकी शरीर की प्रणाली गर्भावस्था पूर्व स्थिति में लौट जाती है यह अवधि आमतौर पर 6 सप्ताह की होती है प्रस्वोत्तर काल या सूतिकावस्था कहा जाता है | इस अवधि में उचित देखभाल की आवश्यकता होती है | प्रसव के बाद की जांच प्रसवोत्तरकाल के बाद के बाद ही की जानी चाहिए ताकि संपूर्ण स्वास्थ्य लाभ सुनिश्चित हो सके |
धन्यवाद
रिंकी पांडेय
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