उच्चतम नागरिक सम्मान भारत रत्न का इतिहास

उच्चतम नागरिक सम्मान भारत रत्न का इतिहास

उच्चतम नागरिक सम्मान  "भारत रत्न"

दोस्तों हम समय समय पर अपने नेताओं, अभिनेताओं और समाज के विशिष्ट नागरिकों को अलग-अलग क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए सम्मानित होते देखते हैं।  आइये ऐसे ही एक सम्मान की आज बात करते हैं भारत देश के उच्चतम नागरिक सम्मान  "भारत रत्न" की।


हम सभी जानते हैं कि हमारे देश में भारत रत्न  सम्मान सबसे उच्च नागरिक सम्मान है इसी विषय पर आज मैैं कुछ और महत्वपूर्ण जानकारी आपसे सााँझा कर रही हूँ।

भारत रत्न  सम्मान की शुरुआत देश में 2 जनवरी 1954 को हुई थी।

पहले पहल यह पुरस्कार सिर्फ कला, विज्ञान और साहित्य के क्षेत्र में असाधारण सेवा के लिए ही दिया जाता था लेकिन 2011 में भारत सरकार ने किसी भी क्षेत्र में उच्चतम स्तर की लोक सेवा को मान्यता देने के लिए प्रदान करना शुरू किया।

भारत रत्न  सम्मान जाति, व्यवसाय, स्थिति या लिंग में किसी भी प्रकार का भेदभाव किये बिना दिया जाता है।

पुरस्कार प्राप्तकर्ता को भारत देश में पूर्वता में सातवां स्थान प्राप्त होता है। 

पुरस्कार प्राप्तकर्ता को राष्ट्रपति जी के द्वारा हस्ताक्षरित एक सर्टिफिकेट और पीपल के पत्ते की शेप में बना पदक दिया जाता है। और इस पुरस्कार के साथ कोई भी मौद्रिक अनुदान प्रदान नहीं किया जाता। 

यह पदक ताम्बे का बना होता है और पश्चिम बंगाल के अलीपुर में बनाया जाता है।

पदक के डिजाइन में समयानुसार बदलाव भी हुए हैं। शुरुआत में पुरस्कार के रूप में दिए जाने वाले सम्मान की मूल विशिष्टि में 35 मिलिमीटर व्‍यास वाला गोलाकार स्वर्ण पदक, जिस पर प्लैटिनम से बना सूर्य और हिंदी भाषा में चांदी से ''भारत रत्न '' लिखा होता है तथा नीचे एक फूलों का गुलदस्ता बना होता है। पीछे की तरफ राष्ट्रीय चिह्न और मोटो लिखा होता है। इसे सफेद फीते में डालकर गले में पहनाया जाता है। और नीचे की तरफ चांदी से भारत रत्न लिखा होता है

भारत रत्न के लिए प्रति वर्ष अधिकतम तीन व्यक्ति नामांकित हो सकते हैं जिसकी सिफारिश प्रधान मंत्री के द्वारा राष्ट्रपति को की जाती हैं

सबसे पहलें भारत रत्न  पुरस्‍कार भारत के डोमिनियन के अंतिम गवर्नर जनरल- सी राजगोपालाचारी, दूसरे राष्ट्रपति और भारत के पहले उपराष्ट्रपति-सर्वपल्ली राधाकृष्णन, और नोबेल पुरस्कार विजेता, प्रसिद्ध वैज्ञानिक चंद्र शेखर वेंकटरमन को 1954 में दिया गया था।

यह पुरस्कार पूर्व राष्‍ट्रपति, डॉ. ए. पी. जे. अब्‍दुल कलाम, मदर टेरेसा और नेल्‍सन मंडेला को भी प्राप्त है 

सचिन तेंदुलकर 2014 में सबसे काम आयु में पुरस्कार प्राप्तकर्ता बने। 

उम्मीद है दोस्तों भारत रत्न के विषय में आपको यह जानकारी पसंद आई होगी।

मधु धीमान

Image credit:- Google 

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