आज़ादी की जिम्मेदारी #आज़ादी

आज़ादी की जिम्मेदारी
थोड़ा जतन पुरुष भी कर लें
थोड़ा जतन करेगी नारी
सम भाव से देखो सबको
न नारी कम न नर ज्यादा
देश की प्रगति में भी हाथ है
दोनों का ही आधा आधा
अपने हिस्से की ही निभा लें
दोनों मिल कर भागीदारी
थोड़ा जतन पुरुष भी कर लें
थोड़ा जतन करेगी नारी
धर्म सभी सम्मान पात्र हैं
इनसे ऊँची देश की गरिमा
तिरंगे का अपमान यदि हो
क्षमा न करेगी भारत माँ
अनुभव गर्व का इसे कराना
कुछ भी नहीं है देश पे भारी
थोड़ा जतन पुरुष भी कर लें
थोड़ा जतन करेगी नारी
युवा देश की युवा शक्ति को
संस्कारों की खाद से सींचें
बहनों का अपमान जो देखे
कोई भाई कभी आँख न मींचे
जननी के चेहरे पे नहीं हो
बेटी जनने की लाचारी
थोड़ा जतन पुरुष भी कर लें
थोड़ा जतन करेगी नारी
देश प्रेम है सबसे बढ़ कर
हमको ये सेना सिखलाती
मातृभूमि के लिए ये हरदम
शीश नवाती शीश कटाती
पर अपना भी कोई धर्म है
हम भी उठाएँ जिम्मेदारी
थोड़ा जतन पुरुष भी कर लें
थोड़ा जतन करेगी नारी
पा तो गए हैं हम आज़ादी
पर अब इसको सम्हालना सीखें
देशद्रोह का बीज कोई कहीं
देश की मिट्टी में न रोपे
कभी किसी गद्दार के कारण
आए न फिर कोई संकट भारी
थोड़ा जतन पुरुष भी कर लें
थोड़ा जतन करेगी नारी
अर्चना सक्सेना
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