क्या आप “थॉट पॉयज़निंग” से जूझ रहे हैं ?

फ़ूड पॉयज़निंग तो दोस्तों अक्सर सुना होगा पर क्या कभी थॉट पॉयज़निंग भी सुना है ? सुना ना भी हो तो महसूस तो जरूर किया गया होगा!
जी हाँ जब हर बात हमे नेगेटिव लगने लगे, जब सब की बातों में नेगेटिविटी दिखने लगे, जब खुद के अलावा किसी दूसरे की बात ठीक न लगे तो समझो हो गए हो आप थॉट पॉयज़निंग का शिकार ! फ़ूड पॉयज़निंग हो जाए तो इलाज कर देगा आपका डॉक्टर,लेकिन अगर हो जाए थॉट पॉयज़निंग तो मुश्किल हो जाती है !
कोई डॉक्टर ना कर सके इस बीमारी का इलाज, ना-ना इसका मतलब ये नहीं की ये है लाइलाज ! साहब बनना होगा खुद ही आपको डॉक्टर – करने के लिए इस बीमारी का इलाज !
दरअसल इसका इलाज सिर्फ आपके पास होता है जैसे अपने शारीरिक स्वास्थय का ध्यान रखने को हम दिन में कईं बार आइना देखते हैं, हाथ पाँव धोते हैं, नहाते हैं, अच्छा अच्छा खाना पीना लेते हैं बस ठीक वैसे ही जरूरत है हमे अपने मन का ध्यान रखने की ! तो कैसे रखें मन का ध्यान ?
सुबह की शुरुआत हर हाल में मुस्कुराते हुए, भगवान को धन्यवाद देते हुए, परिवार के सदस्यों का अभिवादन करते हुए ही करें!
दिन में कुछ समय शांत बैठें, ध्यान लगाएं, अपने मन के अंदर झांके और कुछ समय सिर्फ अपने आप से बात करें !
संगीत सुनें, गाना अच्छा लगता है तो गुनगुनाएं, हो सके तो सुबह के समय पांच मिनट ही सही पर भजन/मन्त्र सुनें !
नेगेटिव बातें जंहा हो रही हों वंहा न ही बैठें, नेगेटिव लोगों से और नेगेटिविटी से दूर रहें !
कुछ काम सिर्फ खुद के लिए करें जैसे कुछ लिखना, तैयार होना, कुछ नया बनाना, घूमने जाना, और कुछ भी अपनी पसंद का काम करना!
बच्चों की तरह खेलना फिर चाहे वो घर पर बैठकर लूडो, कैरम, कार्ड्स या कोई भी खेल जो आपको पसंद हो!
जब आपको ज्यादातर लोग गलत लगने लगें तो आत्म विश्लेषण करें और अपनी गलती ढूंढने का प्रयास करें!
सेल्फ रियलिजेशन बहुत जरूरी है तो रात को सोने से पूर्व पांच मिनट दिन भर के घटनाक्रम को मन में दोहराएं !
इन्सान हैं हम, गलती होना स्वाभाविक है तो माफ़ करना और माफ़ी माँगना दोनों ही बातों से न डरें!
मन में सकारात्मक विचारों को जाने दें, नकारात्मक विचार ना सिर्फ मानसिक बल्कि शारीरिक तोर पर भी नुक्सान दायक होते हैं !
तो हँसते रहिये, हँसते रहिये और थॉट पॉयज़निंग को पास ना आने दीजिये !
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