"बेटे को पीरियड्स के बारे में बता दिया!"

"नमस्ते आंटी, आइए अंदर आइए। मम्मी अभी बाजार गईं हैं।" पुनीत ने अभिवादन करते हुए सीमा को घर में आदरपूर्वक बिठाया, किचन से दौड़कर पानी ट्रे में ले आया।
सीमा ने उससे उसकी पढ़ाई के बारे में पूछा। पुनीत ग्यारहवीं कक्षा में पढ़ने वाला कुशाग्र बुद्धि का बच्चा है।पुनीत ने बताया कि अभी उसकी अर्धवार्षिक परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं।सीमा ने फिर पिया के बारे में पूछा, पिया पुनीत की बहन है जो सातवीं कक्षा में पढ़ती है। सीमा ने पूछा," लगता है पिया भी अनीता के साथ बाज़ार गई है।"
पुनीत बोला," नहीं आंटी पिया अंदर अपने रूम में है।"
इतने में पिया की आवाज आई," भैया, मेरी हाॅट वाॅटर बाॅटल ले आओ, बहुत दर्द हो रहा है।"
पुनीत ने कहा," आंटी , मैं पिया को हाॅट वाॅटर बाॅटल देकर आता हूॅ॑। आप आराम से बैठिए।"
सीमा ने चिंता से पूछा," क्या परेशानी है बेटा? मैं कुछ मदद करूं?"
पुनीत बोला," आंटी , पिया को पीरियड्स में पीठ में बहुत दर्द होता है। मैं उसे हाॅट वाॅटर बाॅटल देकर आता हूॅ॑।"
सीमा आश्चर्य से पुनीत को जाते देखती रही। बाहर गाड़ी की आवाज से वह चौंकी।
अनीता ड्राइंग रूम में आई तो सीमा को देखकर खुशी से बोली," अरे सीमा! तुम कब आईं? "
सीमा बोली," पंद्रह बीस मिनट हो गए मुझे आए हुए। तुम बाजार गई थीं, पुनीत ने बताया।"
"हां ऐसे ही थोड़ा घर का सामान लाना था। वैसे पुनीत कहां है? "
सीमा ने कहा," पुनीत पिया को हाॅट वाॅटर बाॅटल देने गया है।"
अनीता बोली," हां, पिया को दर्द हो रहा था तो मैंने ही कहा था पुनीत को।"
सीमा ने कहा," वैसे यह सब क्या सिखा रखा है पुनीत को ,कह रहा था पिया को पीरियड्स में पेन होता है, कुछ और ही कारण बता देती पिया के दर्द का, लड़कों को ऐसी बातों से दूर रखा जाता है और तुमने तो ढिंढोरा पीट रखा है।"
अनीता बोली," सीमा, इसमें गलत क्या है? पुनीत भाई है पिया को, अगर वह अपनी बहन की परेशानी को समझकर उसकी मदद करता है तो इसमें ढिंढोरा वाली कोई बात नहीं है। फिर यह न भूलो कि लड़कों को लड़कियों की माहवारी या पीरियड्स के बारे में जानकारी होने से वो लड़कियों के पीरियड्स का मजाक नहीं बनाते अपितु उनको पता रहता है कि ऐसे में लड़कियों को परेशानी होती है।
मैंने मेरे बेटे को माहवारी के समय होने वाले दर्द के बारे में बताया, वो अब इतना तो समझ गया है कि जब भी मुझे या पिया को जरूरत होती है तो पीछे नहीं हटता।"
सीमा ने व्यंग्य से पूछा," फिर तो उसे सेनेटरी नेपकिन के बारे में भी बता दिया होगा, तुमने?"
"सही समझा तुमने, सीमा। पीरियड्स एक प्राकृतिक प्रक्रिया है ।इसके बारे में छिपाकर क्या हासिल होगा? मैंने पुनीत को सेनेटरी नेपकिन के बारे में, पीरियड्स की प्रक्रिया के बारे में बता रखा है। पुनीत मेडिकल शॉप से सेनेटरी नेपकिन भी ले आता है।"
"तुमने तो पुनीत को लड़की बना दिया, अनीता।" सीमा अभी भी बाज नहीं आई
"सीमा, इसे केयर करना कहते हैं, जब पुनीत आज अपनी माॅ॑ और बहन की केयर करता है, उनकी परेशानी समझता है तो वह किसी भी लड़की का इसके लिए कभी मजाक नहीं बनाएगा। ये केयर वो आगे चलकर अपनी पत्नी और बेटी को भी देगा साथ ही सभी लड़कियों के लिए सम्मान का भाव रहेगा उसके मन में। मुझे पता है कि मुझे अपने बच्चों की परवरिश कैसे करनी है, अपने बेटे और बेटी को मैं उचित प्रकार से पाल रही हूॅ॑।"
सीमा के पास अब कोई तर्क नहीं बचा था। सिर हिलाते हुए वह भी सोच रही थी कि अनीता की सोच सही है।
दोस्तों, होने को यह एक छोटी सी कहानी है पर संदेश यदि दिल में उतर जाए तो काम बड़ा कर जाए। पीरियड्स कोई बीमारी या धब्बा या छिपाने वाली बात नहीं है। अब समय आ गया है कि बेटों को भी माॅ॑-बहन की इस परेशानी के दिनों के बारे में मालूम होना चाहिए। घरों में विरोध भी होगा परन्तु हर सही बात को पहले दिन से समर्थन नहीं मिलता है, प्रयास तो करके देखिए! कोशिश करें कि लड़कें, लड़कियों का पीरियड्स के दौरान मदद करें न कि मजाक बनाएं।
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-प्रियंका सक्सेना
(मौलिक व स्वरचित)
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