हिजाब के विरोध में भगवा शाॅल

हिजाब के विरोध में भगवा शाॅल

कर्नाटक के कुछ कॉलेजों में इन दिनों हिजाब को लेकर विवाद मचा हुआ है। कर्नाटक में कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जहां कॉलेजों में मुस्लिम महिलाओं को हिजाब पहनकर आने पर प्रवेश नहीं दिया जा रहा है।


मामला जब और ज्यादा बढ़ गया जब छात्राओं के हिजाब पहनने के विरोध में करीब 300 छात्र भी केसरिया शाॅल पहनकर पहुंच गए और प्रदर्शन करने लगे। इसके बाद छात्रों को शॉल उतारने और कक्षा में जाने का आदेश दिया गया। हिंदू छात्र मांग कर रहे थे कि संस्थान सभी के लिए यूनिफॉर्म जरूरी करे। 


हाल ही में कर्नाटक के एक प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज की छात्रा रेशम फारूक ने हाईकोर्ट में गुहार लगाई कि उसे क्लास के अंदर हिजाब पहनने नहीं दिया जाता और उन्हें इसकी इजाजत दी जाए. कोर्ट में इस याचिका को छात्रा रेशम फारूक की तरफ से उनके भाई मुबारक फारूक ने दायर की है।


याचिकाकर्ता छात्रा का कहना है कि देश का नागरिक होने के नाते हिजाब पहनना उनका मौलिक अधिकार है और मौलिक अधिकार का जिक्र संविधान के आर्टिकल 14 और 25 में किया गया है।


अब इसपर कर्नाटक के गृहमंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने बयान दिया है. दरअसल गृहमंत्री ने कहा कि किसी भी संस्थान में धर्म को शिक्षा से दूर रखा जाना चाहिए।


उन्होंने कहा कि पढ़ रहे छात्रों को न तो हिजाब पहनकर आना चाहिए और ना ही भगवा शॉल.उन्होंने कहा कि क्लासों में हिजाब लगाने की अनुमति नहीं है इसलिए सभी बच्चों से अनुरोध है कि वह क्लास में जाने से पहले अपना हिजाब हटा लें।


ज्ञानेंद्र एक सवाल के जवाब में कहते हैं कि, ‘‘स्कूल विद्या का मंदिर है जहां सभी धर्मों के छात्रों को साथ मिलकर सीखना चाहिए और इस भावना को आत्मसात करना चाहिए कि हम सभी अलग अलग नहीं बल्कि भारत माता की संतान हैं।

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