हम तुम्हारे साथ हैं

हम तुम्हारे साथ हैं

संडे को मैं अपनी 13 वर्षीय बेटी महक के साथ कपड़ों की शॉपिंग के लिए निकली ।महक को कपड़े दिलाने के बाद मैं अपनी साड़ी खरीदने के लिए एक दुकान में गई।

मेरे अंदर आते हैं दुकानदार ने पूछा  "बहनजी किस तरह की साड़ियां दिखाऊं !" मेरे बताने पर वह बोला " बस 5 मिनट रुकिए उसके बाद आपका ही नंबर है।"

थोड़ी देर में दो महिलाएं शॉपिंग करके चली गई तो दुकान में काम करने वाले लड़के हमें साड़ियां दिखाने लगे।

अभी मैंने साड़ियां देखनी शुरू ही की थी कि महक बोली "मम्मी प्लीज चलो ना कितनी देर लगाओगे!"

" बेटा अभी तो आए हैं। थोड़ा समय तो लगेगा!"

लेकिन  वह मुझसे बार-बार जल्दी चलने की जिद कर रही थी।

पहले तो मैंने ध्यान नहीं दिया। फिर एक दो बार  कनखियों से देखा तो मेरी नजर दुकान में काम करने वाले एक लड़के पर पड़ी‌ ।वह बहुत ही गंदे तरीके से लगातार  महक को घूर रहा , साथ ही कुछ इशारे भी कर रहा था।


देखते ही मेरा खून खौल गया। अब मुझे अपनी बेटी की परेशानी समझ आई। मैंने चुपचाप अपना फोन निकाला और उसका वीडियो ऑन कर इस तरह से रख दिया कि जिससे उस व्यक्ति की सारी हरकतें उसमें कैद हो जाए।

फिर मैं धीरे से उठकर उस व्यक्ति के पास पहुंची और उसका कॉलर पकड़  उसके चेहरे पर दो थप्पड़ जड़ दिए।अचानक से हुई इस अप्रत्याशित घटना से वह हडबड़ा गया ।
दुकानमालिक ने मुझसे कहा "बहनजी यह क्या बदतमीजी है!"

"बदतमीजी मैं नहीं ,यह जनाब कर रहे थे, इतनी देर से! पूछिए इनसे!"मेरी बात सुन वह संभलते हुए बोला "मैंने क्या बदतमीजी की है। मैं तो अपना काम कर रहा था, पूछ लो किसी से भी!"


"मुझे किसी से पूछने की जरूरत नहीं है। मैंने खुद तुम्हें अपनी आंखों से देखा है । कितनी ही देर से तुम बुरी तरह से मेरी बेटी को घूर रहे थे और इशारे भी कर रहे थे!"

" मैडम आप बेबुनियाद आरोप लगा रही है मुझ पर! क्या सबूत है आपके पास!"

"हां हां बहनजी, यह तो कई सालों से मेरे पास काम कर रहा है। आज तक किसी ने भी ऐसी शिकायत नहीं की।आप तो मेरी  दुकानदारी खराब कर रही हो!"

"भाईसाहब, हमारे समाज में तो वैसे भी अक्सर बेटियों के साथ होने वाले हर गुनाह को नजरअंदाज कर दिया जाता है। फिर मैं तो एक मां हूं ‌ भरे बाजार में ऐसे ही किसी पर झूठा आरोप नहीं लगाऊंगी। जब बात मेरी बेटी से जुड़ी हो!।"
कहते हुए मैंने वीडियो ऑन कर दी। जिसे देख दुकानदार सहित वहां बैठे सभी लोग हक्के बक्के रह गए और वह आदमी तो अपनी गुनाह पकड़े जाने पर डर के मारे पसीना पसीना हो गया।दुकानदार ने उसे दो चार थप्पड़ रसीद करते हुए,  मुझसे माफी मांगने लगा।


"यह इसकी सजा नहीं है। मैं इसे अभी पुलिस के हवाले करती हूं। कुछ दिन हवालात में रहेगा। तब इसकी अकल ठिकाने आएगी। ! "

सुनकर दुकानदार व वहां बैठे लोग बोले " छोड़ो बहनजी, यह तो दो-चार दिन में छूट जाएगा लेकिन इससे आपकी बेटी की बदनामी भी हो सकती है।""मेरी बेटी की बदनामी !!!!  इसने कौन सा गुनाह किया है!!!!!और इस डर से मैं इसे ऐसे ही छोड़ दूं, कभी नहीं !  कहते हुए मैंने पुलिस को फोन मिला दिया।कुछ ही देर बाद पुलिस आई और उसे पकड़ कर ले गई।थाने जाकर मैंने वह वीडियो सबूत के तौर पर वहां जमा करा दी।

मैंने महक को भी समझाते हुए कहा "बेटा, मैंने बचपन से ही तुम्हें गुड टच बैड टच के बारे में बताया। फिर बड़ा होने पर कितना खुलकर तुमसे इन सब के बारे में बात करती थी। उसके बाद भी तुम चुप रही!""सॉरी मम्मी, मैं डर गई थी कि लोग क्या कहेंगे!"

"बेटा लोगों की चिंता तुम मत करो । आपका परिवार आपके साथ है। कुछ भी गलत देखो तो उसका विरोध करो हम सदैव तुम्हारे साथ हैं।"महक स  मुस्कुराते हुए मेरे गले म्लग गई।

सरोज ✍️

What's Your Reaction?

like
3
dislike
0
love
0
funny
0
angry
0
sad
0
wow
0