मेरा पुराना टीवी

#thursdaypoetrychallenge
#Thepinkcomrade
मेरा वह पुराना घर और घर का टीवी पुरानाअब तो यकीन भी कहाँ करेगा नया ज़माना
घर की छत पर शान से जो एंटीना सोहे था
हमारी तो छोड़ो मौहल्ले का मन मोहे था
जिस घर की छत पे एंटीना विराजता था
रसूख उसका सारा मोहल्ला मानता था
लोगों की निगाहें जब उठती थीं उधर
वो जलते, मैं मन ही मन मुस्काती इधर
शाम होते ही मोहल्ले के बच्चों का घर के पास मंडराना
माँ का उन सबके लिये प्यार से दरी बिछाना
पर हम तो शान से सोफे पर पसर जाते थे
टीवी हमारा था तो थोड़ा इतराते थे
धीरे धीरे मोहल्ले में और एंटीना भी नजर आये
ज्यों ज्यों एंटीना बढ़े बच्चे कम नजर आये
तब तो कृषि दर्शन भी कितना भाता था
टीवी सिर्फ शाम को जो आता था
बस रविवार को होती थी मेहरबानी
सुबह से ही रंगोली आने लगती थी सुहानी
चित्रहार और पुरानी फिल्मों के थे हम आशिक
गिने चुने सीरियल वह भी केवल साप्ताहिक
चैनल बस एक था रिमोट का भी नाम नहीं
दूरदर्शन ही सहारा था
किसी और का कोई काम नहीं
अर्चना सक्सेना
What's Your Reaction?






