टैग : LIFE OF WOMEN

बस तकिया कॉमन हो जाता है !

घर जिसका मायना रिश्तों से बदल जाता है..बस तकिया कॉमन हो जाता है’.. सास -बहू का रिश्ता बहुत ही खट्टा मीठा होता है।वैसे खट्टा -मीठा तो माँ -बेटी का रिश्ता भी होता है पर वहाँ रूठना और मनाना दोनों साथ चलता है।यदि ये रूठना-मनाना...

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माँ पराई कैसे हुई

संवाद एक माँ और उसके आठ साल के बेटे का.. “मम्मा आप मेरे लिए बडी वाली रिमोट कार ले आओ ना मुझे कार चाहिए।” लल्ला तू रोज नई नई फरमाइश करता है यह अच्छी आदत नही हैं।”मैंने कुछ दिनो पहले ही तेरे लिए कार...

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अति का अंत

“अरे ,सुनती हो भाग्यवान किसने बनाया है यह खाना लगता है मिर्च का पुरा डब्बा ही उडेल दिया है ।” इतने मे कविताजी बोली “किसने क्या ,आपकी लाडली बहू ने लगता है माँ ने खाना बनाना भी नहीं सिखाया , वैसे तो...

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माँ मुझे माफ़ करना ! (लघु कथा )

माँ आज इस छोटे से खत में तुमसे माफ़ी माँगना चाहती हूँ। जानती हूँ ,तुम सोचोगी की माफ़ी क्यों ? हर सुबह जब मेरे स्कूल के लिए तुम लंच बॉक्स पैक करतीं थी ,तुम्हारे हाथ के बने वो नरम नरम पराठों की कीमत तब ना समझ पाने के लिए मुझे माफ़...

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