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चांद की उपमा स्वीकार नहीं।

नहीं, मैं नहीं हूं चांद सी न ही चांद की उपमा स्वीकार हैन चांद सी शीतलता की ख्वाहिश हूं रखती,मैं तो सूरज सा तेज़ पाने की तलबगार हूंअपनी क्रोधाग्नि से विरोधियों कादमन करने को तैयार हूं,'चांद सा...

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नहीं , मैं नहीं हूं चांद सी ।

नहीं  !  मैं नहीं हूं चांद सी ,  नहीं बनना मुझे चांद जैसी । क्यों बनूं मैं चांद सी ? जब कोई नहीं है मेरे जैसी। मैं हूं रंग रंगीली, मैं हूं अलबेली , क्यों...

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नहीं बनना मुझे चाँद समान, माँ दे दे मुझे बरछी,भाल,कृपाण

हाँ,नहीं हूँ मैं चाँद सी, मैं अंगारा हूँ, ना हाथ लगाना, मैं जलती ज्वाला हूँ। मुझसे समाहित लक्ष्मी, सरस्वती, मैं ममता की मूरत हूँ, गर अपनी सी पर आ गई, तो साक्षात दुर्गा, चंडी की सूरत...

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