टैग : Social issues

मृत्यु भोज

आज रघु की मां की तीये की बैठक थी| एक तरफ रघु अपनी मां कि इस आकस्मिक मृत्यु के कारण दुख था तो दूसरी तरफ जिम्मेदारियों के बोझ के तले दबा जा रहा था| इसीलिए अपने मन पर पत्थर रखकर जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहा था|  तीये की बैठक...

और पढ़ें

पहनावा अपने मन का #रिप्ड जींस

एक छोटी सी कहानी साझा करना चाहती हूॅ॑ फिर अपनी बात कहूंगी... पड़ोस में एक परिवार रहने आया-,माॅ॑, किशोरवय के एक बेटा और एक बेटी। माॅ॑ मार्डन कपड़ों में ही रहती। सोसायटी की औरतों में खलबली मच गई। उससे एकाध ने किटी पार्टी में...

और पढ़ें

ससुराल पहला घर क्यों ?

अरे बहू! कितना देर तक सब्जी को भूनती रहती है, जल्दी-जल्दी हाथ चलाया कर। जब ये खाना बनाती है, गैस सिलेंडर कितनी जल्दी खत्म हो जाता है।ये रोज़ का था। मुक्ता जी अपनी बहू ममता को किसी न किसी बात को लेकर तंज कस दिया करती थी। एक...

और पढ़ें

आवारा लड़कियाँ

"अरे सुनो! जरा देखो तो अपने लाडले को कैसे स्टाइल मार रहा है शीशे के सामने" तीन साल के बेटे को चश्मा लगाये जेब में दोनों हाथ डाले खड़े देख माँ निहाल हुई जा रही थी| " गज्जब मेरे शेर तू तो अभी से हीरो बनने लगा" बाप ने पुचकार...

और पढ़ें

आख़िर ये चार लोग है कौन

"चार लोग देखेंगे तो क्या कहेंगे, चार लोग सुनेंगे तो क्या सोचेंगे" यार ये चार लोग मतलब है कौन ये लोग। क्यूँ हम ओरों के लिए या, ओरों के डर से ज़िंदगी कुछ नियमों के दायरे में रहकर जी रहे होते है। और क्या वो चार लोग हमसे डर कर या हमारे...

और पढ़ें

बीमार होने पर पत्नी की सेवा करने वाला पति क्या जोरू का...

कहा जाता है कि पति-पत्नी एक दूसरे के पूरक है, और शादी का बंधन समान अधिकार देता है। तो फिर क्यूँ जब पत्नी पति का सर या पैर दबाती है तो सेवा का नाम दिया जाता है, और अगर पति पत्नी का सर या पैर दबाता है तो जोरू का गुलाम और न जाने क्या-क्या...

और पढ़ें

आज भी बहु और बेटी में परिवार और सामाजिक स्तर पर अंतर क्यों...

आज समाज में बहु और बेटी में पारिवारिक और सामाजिक स्तर पर अंतर है जो कि अक्सर हमें देखने को मिल ही जाता है | जब एक बेटी घर पर होती है वह कितनी भी गलतियां क्यों ना करें पर उसे नजरअंदाज कर दिया जाता हैं या समझाईश दी जाती है उसे मन...

और पढ़ें

हैवानियत का वो मंजर...जो भुलाएँ नहीं भूलती।

     दहेज का कोढ़ हमारे समाज में सदियों से लाइलाज घाव की तरह रिस रहा है।      बरसों से दहेज लेने और देने की कुप्रथा चली आ रही है।     न...

और पढ़ें

देवी

हरियाणा और पंजाब के बार्डर पर बीरभूमि नाम का एक गांव था।  बीरभूमि में आज एक अजीब सा सन्नाटा था। खास तौर से रामरतन के घर पर। आखिर रामरतन के लिए तो आज खुशी का पल था। उसकी पत्नी प्रसव पीड़ा से कराह रही थी। और घर में एक...

और पढ़ें

अपशकुनी

यह कहानी है एक ऐसी लड़की की जिसे प्रकृति से बहुत प्यार है कहानी है वैदेही की |वैदेही एक सुंदर सा एहसास अपने नाम रूप और गुण की तरह है। ऋषिकेश में गंगा किनारे पहाड़ों पर बैठी वैदेही  गंगा मां की अविरल धारा को एकटक निहारती हुई...

और पढ़ें