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तुम्हारी माँ ने कुछ नहीं सिखाया क्या!!
"बहुरिया! कल से घर मे मेहमानों का आना शुरू हो जायेगा सारी तैयारी आज खत्म हो जाए वही ठीक रहेगा, अलग से बिस्तर गद्दे धूप मे डलवा देना.. बेटा मैं नहीं चाहती किसी को कोई असुविधा हो तुम्हारी शिकायत तो बिल्कुल नहीं मैं चाहती हूँ...
अजब-गजब सी लव स्टोरी
कीड़ी-चींटे की प्रेम कहानी गर्मियों की छुटियाँ थी और हम सब सहेलियां मिलती जुलती रहती थी। अब एक सहेली पास के ही गाँव में रहती थी, ज्यादा दूर तो न था बस 5-6 किलोमीटर था तो एक दिन हम सब भी...
अनाथ नहीं मैं !
दादी कितना प्रेम करती थी कल्पना को | करती भी क्यों न ! बेचारी ने बचपन में ही अपने मां-बाप को खो दिया था उसे तो सूरत भी याद ना थी उनकी | परिवार के नाम पर कल्पना के ताऊ जी व ताई जी ही थे बस और वे दोनों दूसरे देश में निवास करते रहे...
नजरें मोहब्बत
नजरें मोहब्बत आशा बदहवास सी दौड़ती चली आ रही थी। उसकी धड़कन बहुत तेज चल रही थी ।उसे मालूम नहीं आज उसके साथ क्या हुआ है। शायद कुछ नया परिवर्तन महसूस कर रही है। ऐसा पहले उसे जिंदगी...
मेरी माँ की साड़ी !
सच याद आता है वो वक्त माँ मेरी स्कूल में शिक्षिका थी इस वजह से साड़ियाँ उनके पास बहुत थी ।प्योरसिल्क की साड़ी माँ को बहुत पसंद थी .. अक्सर वो खादी सिल्क की साड़ियाँ खूब पहनती थी । जब भी कभी अपना बक्सा खोलती तो...
रत्ना मौसी
"हेलो...अनुज...आप ऑफिस से जल्दी आ जाइए मैं अभी रत्ना मौसी के घर पर हूं मुझे लग रहा है कि कुछ गड़बड़ है|" "गड़बड़ है...... मतलब?" "रत्ना मौसी दरवाजा नहीं खोल रही है..... मैं पीहू को ट्यूशन छोड़ कर उनसे मिलने आई थी..........
सुस्त ज़िंदगी में साँसें भर दो
#कुछ मांग सकती हूँ क्या? चाहती हूँ तुझ में मिटना जी भरमेरी आँखों में अश्क उभर आते है,घुटन महसूस होती है मुद्दतों से दिल का संवेदनशील कोना बस चुपचाप गुड़ सा मीठा प्यार चबाते उब सा गया है....
कौन सी सुंदरता
दो बहनो का एक भाई था नवीन। स्वभाव में एकदम शांत और आज्ञाकारी। जिससे भी उसके बारे में पता किया, सभी ने तारीफो के पुल बांधे। आखिरकार ममता के माँ-बाप ने निश्चिंत होकर उसकी शादी नवीन से कर दी। ममता भी आँखो में ढे़र सारे सपने बुन चुकी...
मॉडर्न सास!
आज काजल की सहेली प्रिया
जीवनसाथी
"जीवन साथी" जीवनसाथी का मतलब क्या होता है, एक लड़की या स्त्री को क्या चाहिए? अच्छा घर, अच्छा पति, अच्छे सास- ससुर, दो बच्चे और दो वक्त का खाना और कपड़े। क्या सारी जरूरतें खत्म हो गई? यही है क्या स्त्री की जरूरतें।