टैग : Women's life
स्त्री जीवन
एक स्त्री अपना जीवन अपने परिवार के लिए समर्पित कर देती है। पति बच्चे परिवार सबकी ज़रूरतों के आगे अपनी जरूरतों को नज़रंदाज़ करती है। फिर भी जब उसे बार बार ये जताया जाता है कि वो किसी काम की नहीं उस वक़्त उसके ह्रदय की पीड़ा...
तलाकशुदा बेटी को सम्मान से रखिए
बेटी माँ बाप के जिगर का टुकड़ा होती है, जब एक रिश्ता टूटता है तब लड़की के अस्तित्व और दिमाग पर दु:खद और भावनात्मक प्रहार से गहरी चोट पहुंचती है। समय हर दर्द की दवा है इस कष्टदायक समय में बेटी को सहारा देना चाहिए। बेटी घर की लक्ष्मी...
मेरा सपना
6:30 बज गए वो आते ही होंगे मैंने बाल ठीक किए,कमर से लिपटा साडी का पल्लू खोल दिया डोरबेल बजी वो आ गए उनकी आँखों में खुद को देखना चाहती हूँ उनके होंठों पर हंमेशा मैं गुनगुनाती हूँ..! ...
मायका या ससुराल...असली घर कहां?
सभी का सपना होता है, होना भी चाहिए।आज एक सपना पूरा हुआ,कल फिर ये आँखे एक नया सपना बुन लेती है।सभी सपनों में एक ऐसा सपना ऐसा है,जो सब देखते हैं, कोई छोटा,कोई बड़ा। सबकी जिंदगी का एक सबसे प्यारा सपना-"एक घर हो खुद का-अपना घर"...
चरित्रहीन गुंजा (अन्तिम भाग)
सामने जो खड़ी थी उसकी तो उन दोनों ने कल्पना भी नहीं की थी।आप यहाँ.. और आप तो ..दोनों ही तरफ आश्चर्य मिश्रित भाव था। वह औरत छवि और उसकी माँ को अंदर लेकर आ गई। और उन दोनों से बैठने का आग्रह करने लगी। छवि और सुमन जी (छवि की माँ )...
चरित्रहीन गुंजा (भाग ३ )
छवि के घर से सभी दौड़कर ताऊ जी की कोठी पर पहुंचे। वहां पहुंचने पर पता चला कि गुंजा भाभी रात को कहीं गायब हो गई थी । उनकी अलमारी खुली पड़ी थी ।जेवर और नकदी सब गायब था ।यहां तक की बड़ी भाभी और ताई जी के कमरे के गहने और नगदी गायब...
चरित्रहीन गुंजा (भाग २ )
सुबह जब छवि सो कर उठी तो, उसके दिल दिमाग में बस एक ही बात चल रही थी कि क्या गुंजा भाभी के बारे में जो सब कहते हैं वह सही है? क्या वह वाकई चरित्रहीन ..नहीं गुंजा भाभी ऐसी नहीं हो सकती। लेकिन कल जो इन आँखो ने देखा...
चरित्रहीन गुंजा (भाग १ )
अरे यह सामने गुंजा भाभी ही है ना? छवि के कदम दुकान में जाते हुए एकदम से रुक गए हाँ वही तो है ।बिल्कुल भी तो नहीं बदली वही प्यारी सी हंसी जो किसी को भी अपनी तरफ खींच ले। गुंजा भाभी....गुंजाभाभी सड़क के उस...
तलाक
बिटिया तू भी क्या ?अपनी चाची की बात पर परेशान हो रही है ।तु तो जानती है उनकी आदत को वह कहां किसी को भी बात बनाने से चुकती है ।पर माँ आप ही बताइए इन सब में मेरा क्या दोष है?और फिर जब अपने ही साथ नहीं देंगे और ऐसे...
उड़ान भरने दीजिए
और कॉलेज कैसा चल रहा है?जी ठीक पापा |एक्जाम कब से शुरू हैं?अगले महीने से पापा | और लाइब्रेरी जा रही हो न रेगुलर, पढ़ने से दिमाग तेज होता है |जी पापा,पापा वो आपसे एक बात कहनी थी, हाँ कहो बेटापापा...