तुम्हारे दिल में एक छोटा सा कोना चाहती हूं #Thursday Poetry

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'छोटा सा कोना दिल में'
चाहतीहूं एक छोटा सा कोना,
तुम्हारे दिल में, क्योंकि,
ये दिल ही तो है बसेरा,
रहते हैं जिसमें,
वे सभी जो होते हैं विशेष।
एक छोटा सा कोना दिल में,
क्योंकि,
जो समझोगे, ये है एक हिस्सा मेरा,
मेरा ही दर्द है इसमें ,
तो न पहुंचाओगे मुझे कभी ठेस।
एक छोटा सा कोना दिल में,
क्योंकि,
तुम्हारे शब्द जाल में फंस कर,
रह जाता है सच उलझ कर ,
पर दिल न बदलता कभी भेष।
एक छोटा सा कोना दिल में,
क्योंकि ,
अभी बाक़ी है" तेरा' 'मेरा",
हैं बाक़ी अभी दूरियां,
कि मिल जाए धड़कन न रहे कुछ शेष।
इसलिए ,
तुम्हारे दिल में,
चाहती हूं एक छोटा सा कोना!
मौलिक एवं स्वरचित
सुमन बी राव
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