ये जाता हुआ साल! Poetry By Ruchi Sri

हाथ से सरकता हुआ साल,
जाते जाते सिखा गया बहुत कुछ,
कहीं ले गया कोई अपना खास,
कर गया ज़िंदगी उदास।
कहीं कर गया दूर हो गए लोगों को पास।
कहीं रह गया अफसोस,
कहीं मिली खुशियों की सौगात।
हर पल के साथ ,दिया जीने का नया अंदाज।
आज में ,अभी में है जो है ।
बाकी सब है मिथ्या,
मत करो अनमोल समय बर्बाद।
बस इसी उम्मीद के साथ करें,
नए साल का आगाज़....
आने वाला पल, निश्चित रूप से लाएगा
सबके जीवन में नई आशा की किरण,
खुशियों से भरेगा दामन,
हर पल हो जाएगा खास। ruchi sri
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