#ये लड़कियां। हिस्सेदारी

कभी नाजुक कली सी होती है ये लड़कियां,
कभी दुर्गा, कभी शक्ति का रूप होती हैं ये लड़कियां,,
कभी बेटी, कभी बहू, कभी पत्नी तो कभी मां बनती है ये लड़कियां,
लेकिन हमेशा से ही बलिदानों की गाथा रही है ये लड़कियां।
कभी द्रोपदी, कभी सीता कहलाई ये लड़कियां,
कभी अग्नि परीक्षा तो कभी जुए में हारी गई ये लड़कियां।
कलयुग हो या सतयुग हो ,इनका युग कभी ना आया है, दुनिया वालों ने इल्जाम सदैव इन पर ही लगाया है।
घनी अंधेरी सड़कों पर जाने से घबराती है येलड़कियां ,
आज भी अकेले सफर करने से डरती है ये लड़कियां ।
सब कहते हैं आजकल लड़कों के बराबर हैं ये लड़कियां, लेकिन यदि सच में ऐसा है तो लड़कों से तुलना क्यों और उनके जैसा सम्मान भी कहां दिया।
जो प्यार और सम्मान दोगे तो जान न्न्यौछावर देती है ये लड़कियां ।
बराबरी नहीं बस इनकी हिस्सेदारी ही दे दो तो धन्य हो जाएंगी यह लड़कियां।
#येलड़कियां
#Thursdaypoetrychallenge
What's Your Reaction?






